बुधवार, 21 मई 2014

समस्त प्रजाओं में एक ईश्वर ही स्तुति और नमस्कार करने योग्य है ।

               
अथर्ववेद २/२/१---
एक एव नमस्यो विक्ष्वीड्यः ॥ २/२/१
भावार्थ --- समस्त प्रजाओं में एक ईश्वर ही स्तुति और नमस्कार करने योग्य है ।
               
महर्षि दयानन्द वेलफेयर सोसायटी was with आदित्या सैनी आर्य and 18 others.
               
ऋग्वेद वेद-६/३६/४
एको विश्वस्य भुवनस्य राजा ॥
भावार्थ -- इस समस्त ब्रह्माण्ड का स्वामी एक ही है अर्थात एक ही ईश्वर है जिसका सर्वश्रेठ नाम " ओ३म " है ।
               
महर्षि दयानन्द वेलफेयर सोसायटी updated his status.
               
ऋग्वेद वेद-६/३६/४
एको विश्वस्य भुवनस्य राजा ॥
भावार्थ -- इस समस्त ब्रह्माण्ड का स्वामी एक ही है अर्थात एक ही ईश्वर है जिसका सर्वश्रेठ नाम " ओ३म " है ।

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