गुरुवार, 22 मई 2014

महर्षि मनु ने धर्म के जो लक्षण लिखे हैं , वे सार्वभौम हैं ।

महर्षि मनु ने धर्म के जो लक्षण लिखे हैं , वे सार्वभौम हैं यथा
. धृतिःसदा धैर्य रखना तनिकतनिक सी बातों में अधीर होना
. क्षमानिन्दास्तुति , मानअपमान , हानिलाभ में सहनशील रहना
. दमःचंचल मन को वश में करके उसे अधर्म की ओर जाने से रोकना
. अस्तेयमचोरीत्याग बिना स्वामी की आज्ञा के उनके किसी पदार्थ के लेने की इच्छा भी करना
. शौचमबाहर और भीतर की पवित्रता स्नान , वस्त्रप्रक्षालन आदि से बाहर की और लोभ , क्रोध , मोह , ईर्ष्या , द्वेष आदि के त्याग से अन्दर की शुद्धता रखना
. इन्द्रियनिग्रहसभी इन्द्रियों को अधर्माचरण से रोककर धर्ममार्ग में चलाना
. धीःमादक द्रव्यों के त्याग , सत्संग और योगाभ्यास से बुद्धि को बढाना
. विद्यापृथिवी से लेकर परमेश्वरपर्यन्त सभी पदार्थों का यथार्थ ज्ञान प्राप्त करना विद्या है।
. सत्यमजो पदार्थ जैसा है , उसे वैसा ही जानना ,मानना ,बोलना और लिखना सत्य कहलाता है।
१०. क्रोध करना सदा शांत और प्रसन्न रहना
इन दश लक्षणों वाले धर्म का पालन सभी को करना चाहिये
११. अहिंसा

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