स्वामी दयानन्द शास्त्रार्थ प्रश्नोत्तर – संग्रह
प्रश्न--- ईश्वर ने वेदो का ज्ञान किस प्रकार दिया ?
उत्तर --- आदि सृष्टि मे इसके सुनन वाले चार ऋषि थे जिनका नाम अग्नि,वायु,आदित्य और अन्गिरा था । इन चारो ने ईश्वर से शिक्षा प्राप्त करके दूसरो को सुनाया ।
प्रश्न --- भगवान का जब स्वरूप और शरीर नहीं तो मुख कहां से आया कि जिससे वेद कहे ?
उत्तर --- भगवान ने इन चारो के हृदय मे प्रकाश करके वेद बताये ।
प्रश्न --- क्या इस वेदो की भाषा को वे जानते थे ?
उत्तर --- उसी समय उन्हे भाषा का ज्ञान भी दिया ।
प्रश्न --- इन चारो को ही क्यो सुनाया ?
उत्तर --- वे चारो ही पुण्यात्मा और उत्तम थे ।
प्रश्न --- अब विदित हुआ कि चार वेद उन चार ऋषियो के बनाये हुए हैं ?
उत्तर --- नही नही भगवान ने वेद बनाये और कहे हैं क्योकि वे चारों कुछ पढे न थे और न कुछ जानते थे । उनके द्वारा आप ही कहे गये हैं । जैसे कोई मनुष्य पित्त वा सन्ताप मे आप ही आप बोलने लगता है उसी प्रकार उस भगवान ने उन चारो के हृद्य मे प्रकाश करके कहा और उन्होने उसकी शक्ति से विवश होकर कहा । इसलिए प्रकट है कि भगवान ने वेद कहे । इन चारो से ब्रह्मा ने और ब्रह्मा ने अन्यो को वेदो का ज्ञान कराया ।
प्रश्न--- ईश्वर ने वेदो का ज्ञान किस प्रकार दिया ?
उत्तर --- आदि सृष्टि मे इसके सुनन वाले चार ऋषि थे जिनका नाम अग्नि,वायु,आदित्य और अन्गिरा था । इन चारो ने ईश्वर से शिक्षा प्राप्त करके दूसरो को सुनाया ।
प्रश्न --- भगवान का जब स्वरूप और शरीर नहीं तो मुख कहां से आया कि जिससे वेद कहे ?
उत्तर --- भगवान ने इन चारो के हृदय मे प्रकाश करके वेद बताये ।
प्रश्न --- क्या इस वेदो की भाषा को वे जानते थे ?
उत्तर --- उसी समय उन्हे भाषा का ज्ञान भी दिया ।
प्रश्न --- इन चारो को ही क्यो सुनाया ?
उत्तर --- वे चारो ही पुण्यात्मा और उत्तम थे ।
प्रश्न --- अब विदित हुआ कि चार वेद उन चार ऋषियो के बनाये हुए हैं ?
उत्तर --- नही नही भगवान ने वेद बनाये और कहे हैं क्योकि वे चारों कुछ पढे न थे और न कुछ जानते थे । उनके द्वारा आप ही कहे गये हैं । जैसे कोई मनुष्य पित्त वा सन्ताप मे आप ही आप बोलने लगता है उसी प्रकार उस भगवान ने उन चारो के हृद्य मे प्रकाश करके कहा और उन्होने उसकी शक्ति से विवश होकर कहा । इसलिए प्रकट है कि भगवान ने वेद कहे । इन चारो से ब्रह्मा ने और ब्रह्मा ने अन्यो को वेदो का ज्ञान कराया ।
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