सोमवार, 19 मई 2014

विशुद्ध – मनुस्मृति

विशुद्धमनुस्मृति
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धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की समीक्षा **
. धर्मजिसके आचरण करने से उत्तम सुख
आत्मिकमानसिकशारीरिक त्रिविध उन्नति और मोक्षसुख की प्राप्ति हो , उसको धर्म मनते हैं
. कामशुभ कामनाओं की पूर्ति , कामविकारो की शन्ति
. अर्थधन और सांसारिक ऐश्वर्य की प्राप्ति
. मोक्षजन्म मरण के बन्धन से छुटकारा पाकर मुक्ति की स्थिति में रहना
धर्म प्रत्येक स्थिति में स्वीकार्य और पालनीय होता है और
और मोक्षप्राप्ति भी सबका परम उद्देश्य है किन्तु काम और अर्थ
के विषय में छूट नहीं है , अपितु मनु ने उन्हें सीमित और विहित रुप में ही ग्राह्य माना है

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