रविवार, 18 मई 2014

मृत्यु


मृत्यु ---
प्रश्नमृत्यु सुख है या दुःख ?
उत्तरमृत्यु सुख है दूःख यह सुख का कारण भी हो सकता है और दुःख का
का भी मृत्यु है क्या ? एक शरीर से जीव का निकलना और दूसरे शरीर में प्रवेश करना
हम जब एक मकान को छोङकर दूसरे में जाते हैं या कोट उतार कर दूसरा पहनते हैं तो उससे
सुख भी हो सकता है और दुःख भी जब एक पदाधिकारी एक पद से दूसरे पर जाता है तो
यदि वेतनवृद्धि या पदवृद्धि होती है तो उसे प्रसन्नता होती है यदि वेतन में कमी या
पद छोटा हो तो दुःख होता है इसी प्रकार मृत्यु के पश्चात हम को कैसा शरीर या कैसी
परिस्थिति मिले , उसी को देख कर तो हम यह कह सकते हैं कि मृत्यु अच्छी हुई या बुरी
प्रश्नकिसी को मार डालना पुण्य है या पाप ?
उत्तरकेवल मार डालने मात्र से पुण्य या पाप की व्यवस्था नहीं की जा सकती
फांसी देने वाला मनुष्य फांसी देते समय पुण्य करता है और पाप
हां , एक प्रकार से वह अपना कर्तव्य पालन करता है जिसकी आज्ञा से फांसी दी जाती
है उसके पुण्यपाप का मापदण्ड उसकी अपनी कर्तव्यता है
बिना कर्तव्यता के स्वार्थ सिद्धि अथवा शत्रुता आदि से किसी को मारना पाप है

कोई टिप्पणी नहीं: