वेद विषय
प्र॰ – वेदो को
लिखने के लिये
दवात और कागज
आदि कहां से
आये ?
उ॰ – अग्नि , वायु , आदित्य
और अंगिरा इन
चार मनुष्यों के
ज्ञान के बीच
में वेदों का
प्रकाश किया
तथा उनसे ब्रह्मादि
के बीच में
वेदों का प्रकाश
कराया था ।
प्र॰ – परमेश्वर जब न्यायकारी
है तो सबके
हृदय में वेदों
का प्रकाश क्यों
नही किया ?
उ॰ – न्यायकारी उसको कहते
हैं कि जो
जैसा कर्म करे
उसको वेसा ही
फल दिया जाये
।
उन्ही चार पुरूषों
का ऐसा पूर्व
पुण्य था कि
उनके हृद्य मे
ही वेदो का
प्रकाश किया गया
।
प्र॰ – वे चार
पुरूष तो सृष्टि
के आदि में
उत्पन्न हुए थे
उनका पूर्वपुण्य कहा
से आया ?
उ॰ – जीव , जीव के
कर्म और स्थूल
कार्य जगत ये
तीनो अनादि है
, जीव और कारण
जगत स्वरूप से
अनादि है , कर्म
और स्थूल कार्य
जगत प्रवाह से
अनादि हैं ।
प्र॰ – वेदों के उत्पन्न
करने में ईश्वर
का क्या प्रयोजन
है?
उ॰ – ईश्वर परोपकारी है
। जो परमेश्वर
अपनी विद्या का
हम लोगों के
लिए उपदेश न
करे तो विद्या
से जो परोपकार
करना गुण है
सो उसका नहीं
रहे । इससे
परमेश्वर ने अपनी
वेद विद्या का
हम लोगो के
लिए उपदेश करके
सफलता सिद्ध करी
है ,क्योंकि परमेश्वर
हम लोगो का
माता पिता के
समान है ।
हम सब लोग
जो उसकी प्रजा
हैं उन पर
नित्य कृपा दृष्टि
रखता है ।
जैसे अपने सन्तानो
के ऊपर पिता
माता सदैव करूणा
को धारण करते
हैं कि सब
प्रकार से हमारे
पुत्र सुख पावें
, वैसे ही ईश्वर
भी सब मनुष्यादि
सृष्टि पर कृपा
दृष्टि सदैव रखता
है ।
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