असली मौत का सौदागर और कसाई कौन ?
जबकि आजादी के समय से आज तक कांग्रेस के राज में अनेकों बड़े बड़े सम्प्रदायवादी दंगे हो चुके है , जिनमे 15503 लोग मारे गए . मोदी को कसाई बताने वाले कांग्रेसी , कम्युनिस्ट और सेकुलर दी जाने वाली दंगों इस सूची को ध्यान से पढ़ें ,
1- कांग्रेस राज में दंगों का विवरण
भारत के आजाद होने के बाद कांग्रेस के राज में कब कब सम्प्रदायवादी दंगे हुए , और उनमे कितने लोग मारे गए थे , यह प्रामाणिक जानकारी इस प्रकार है ,
1 -सन 1947 पश्चिम बंगाल - मृतक -5000
2-सन 1964 -राउर केला - मृतक -2000
3-सन 1967 -रांची -मृतक 200
4-सन 1969 -अहमदाबाद - मृतक -512
5-सन 1970 - महा . भिवंडी -मृतक -80
6-सन 1980 -मुरादाबाद - मृतक -2000
7-सन 1983 - नल्ली असम -मृतक -2000
8-सन 1984 -भिवंडी - मृतक -611
9-सन 1984 - दिल्ली - मृतक -3000 सिख
10-सन 1985 -अहमदाबाद - मृतक -300
11-सन 1986 -अहमदाबाद - मृतक -59
12-सन 1987-मेरठ -मृतक 81
इसके अतिरिक्त जो वामपंथी मोदी को कसाई ( Bucher ) कह रहे हैं , उन्ही के शासन में सन 1979 में जमशेदपर में भी सम्प्रदायवादी दंगा हुआ था जिसमे 115 लोग मारे गए थे
यदि मोदी गुजरात के दंगों के लिए जिम्मेदार हैं ,तो इन दंगों के लिए कांग्रेस और कम्यूनिस्ट जिम्मेदार क्यों नहीं माने जाये ?. क्या यह लोग मौत के सौदागर और कसाई कहने के योग्य नहीं हैं ?जो लोग नरेंद्र मोदी को गुजरात का हत्यारा कह रहे हैं , वह कांग्रेस के शासन के दौरान इतने अधिक दंगों की संख्या पर गौर करें ,और इस सत्य को स्वीकार करें कि सन 2002 के गोधरा दंगे के बाद से आजतक गुजरात में कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ , और न कभी कर्फ्यू लगाने की नौबत आई . जबकि दंगों के मामले में कांग्रेस को " दंगा रत्न " या " दंगा भूषण " का सम्मान देना चाहिए .
2-दंगों का तुलनात्मक विश्लेषण
कांगरस के राज में जितने भी सांप्रदायिक दंगे हुए हैं उनका वैज्ञानिक विश्लेषण करके " पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर ( Public Policy Research Centre (PPRC ) के डाईरेक्टर " विनय सहस्र बुद्धे " ने 21 अक्टूबर 2013 को 9 पन्नों की एक रिपोर्ट भी जारी की थी . जिसमे दंगों में मरने वाले हिन्दुओं और मुसलमानों की संख्या का तुलनात्मक अध्यन करके को निष्कर्ष मिले उसकी निष्पक्ष जानकारी दी गयी है ,उसी के कुछ अंश यहाँ दिए जा रहे हैं ,
आज कांग्रेस मुस्लिम वोटों के लिए गुजरात दंगों में मारे गए मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है , लेकिन इतिहास के अनुसार कांग्रेस के राज में सबसे बड़ा साम्प्रदायिक दंगा सन 1983 में असम के नेल्ली शहर में हुआ था . बंगला देशी और असम के लोगों में हुआ था . इस दंगे में 8119 मुसलमान मारे गए थे . इसके बाद दूसरा दंगा सन 1984 में दिल्ली में हुआ था जब इंदिरा की हत्या हुई थी , और कांग्रेसियों ने 2733 निर्दोष सिक्खों की हत्या कर दी थी . संख्या के अनुसार तीसरा दंगा सन 1969 में अहमदाबाद में हुआ था ,जिसमे कुल 512 लोग मारे गए थे और उनमे 430 मुसलमान थे .
आज कांग्रेस मुस्लिम वोटों के लिए गुजरात दंगों में मारे गए मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है , लेकिन इतिहास के अनुसार कांग्रेस के राज में सबसे बड़ा साम्प्रदायिक दंगा सन 1983 में असम के नेल्ली शहर में हुआ था . बंगला देशी और असम के लोगों में हुआ था . इस दंगे में 8119 मुसलमान मारे गए थे . इसके बाद दूसरा दंगा सन 1984 में दिल्ली में हुआ था जब इंदिरा की हत्या हुई थी , और कांग्रेसियों ने 2733 निर्दोष सिक्खों की हत्या कर दी थी . संख्या के अनुसार तीसरा दंगा सन 1969 में अहमदाबाद में हुआ था ,जिसमे कुल 512 लोग मारे गए थे और उनमे 430 मुसलमान थे . कांग्रेस का दोगलापन इस बात से सिद्ध होता है कि इतने साल होने के बाद भी सिखों की हत्या करने वाले दोषियों कोई सजा नहीं दी जा सकी . दूसरी तरफ गुजरात दंगों के जिन लोगों पर मुकदमे चल रहे हैं उनकी कुल संख्या 294 है . जिनमे 184 हिन्दू हैं . और बाकि मुसलमान हैं . यदि मोदी पक्षपाती होता तो मुसलमानों की संख्या अधिक और हिन्दुओं की संख्या कम होती .पाठकों की सुविधा के लिए विडिओ भी दिया जा रहा है ,
Video-
http://www.youtube.com/watch?v=Bnoz9xYfuW4
कांग्रेस राज में हुए दंगों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने या देने के लिए इस पते पर संपर्क करें या मेल करें
Public Policy Research Centre
PP66, Mookerjee Smruti Nyas,
Subramania Bharti Marg
New Delhi 110003
E-mail: contact@pprc.in
3-झूठे कांग्रेसिओं के मुंह पर जूता
आजकल जिन कांग्रेसदियों के साथ मिलकर तथाकथित सेकुलरों ने मिलकर गुजरात में मोदी की लोकप्रियता को केवल झूठा प्रचार , और मोदी द्वारा गुजरात के विकास के मॉडल का मजाक उड़ने की फैशन अपना रखी है . लेकिन सन 2012 के गुजरात विधान सभा के चुनाव नतीजों से हजरत के लोगों ने कांग्रेसियों के मुंह पर जूता मार दिया . क्योंकि गुजरात के 19 मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में मोदी के कुशल नेतृत्व में बी जे पी 12 निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे अधिक मतों से विजयी हुई थी . लेकिन जिस कांग्रेस ने मुस्लिम वोटों की खातिर मोदी का विरोध करने की कसम खा रखी हो . उनके मुंह पर सबसे पहली जूता खुद कांग्रेस सरकार द्वारा गठित सच्चर कमिटी ने ही मार दिया था .
गुजरात के विधान सभा चुनाव से पहले सन 2006 में " भारत सरकार के अल्प संख्यक मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs, Govt of India
) ने दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश "राजिंदर सच्चर "की अध्यक्षता में एक कमिटी नियुक्त की थी , जिसके कुल 6 सदस्य थे . इस कमिटी का उद्देश्य आजकल के मुसलमानों की सामाजिक , आर्थिक , और शैक्षणिक हालत का पता करना और विस्तृत रिपोर्ट प्रधान मंत्री मन मोहन सिघ को पेश करना था . बाद में यह 403 पेज की रिपोर्ट 30 नवम्बर 2006 को प्रधान मंत्री ने लोकसभा में पेश कर दी थी . लेकिन इस रिपोर्ट में गुजरात के मुसलमानों की स्थिति के बारे में जो जानकारियां दी गयीं हैं ,उसे पढ़ कर कांग्रसियों को समुद्र में डूब कर मर जाना चाहिए , यदि उनमे रत्ती भर भी शर्म बाकी रही हो . क्योंकि सच्चर कमिटी ने बताया कि
1-गुजरात में शिक्षित मुसलमानों की संख्या 73 . 5 प्रतिशत है ,जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों की संख्या 59 . 1 प्रतिशत है .
2-इसी तरह गुजरात के शहरी मुस्लिम की आय 875 रूपया है , जबकि राष्ट्रिय औसत केवल 804 रूपया ही है . और गुजरात के ग्रामीण मुस्लिम की आय 668 रुपया है , जो राष्ट्रिय औसत से कम है . जो केवल 553 रुपया ही है .
कांग्रेस चाहे मोदी को मुस्लिम विरोधी साबित करने की कोशिश करती रहे , और कहती रहे की मोदी के राज में मुसलमनों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती , लेकिन यह झूठ है , क्योंकि गुजरात में सरकारी नौकरी में मुसलमानों की संख्या 5 . 4 प्रतिशत है . जबकि बंगाल में केवल 3 . 2 प्रतिशत और दिल्ली में 4 . 7 प्रतिशत है .
पाठक महोदय विचार करें कि यह सच्चर रिपोर्ट कांग्रेस सरकार ने बनवाई थी . यदि कोई कांग्रेसी इसे झूठी बताता है तो समझ लीजये सभी कांग्रेसी और मनमोहन सिंह भी महा झूठा है . हम तो जानते हैं , लोगों को समझने की जरुरत है .
आज जो कांग्रेसी मोदी के नाम से लोगों को डरा रहे हैं , और जो बेकार डर रहे हैं , वह समझ लें कि समाज की सुरक्षा के लिए डरना भी जरुरी है , जैसे बच्चे को माता पिता से , विद्यार्थी को शिक्षक से , अपररधि को पुलिस से और भ्रष्टाचारी को कानून से डरना जरुरी है ,उसी तरह कांग्रेसियों , सेकुलरों , देशद्रोहियों , और जिहादी आतंकियों को मोदी से डरना जरुरी है .
क्योंकि भय के बिना प्रीति नहीं होती , नीच भय से ही सीधे हो सकते हैं
हे भारत के शत्रुओ मोदी से डरो !!!
. http://www.haindavakeralam.com/HKPage.aspx?PageID=17173
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