रविवार, 18 मई 2014

असली मौत का सौदागर और कसाई कौन ?

असली मौत का सौदागर और कसाई कौन ?

कांग्रेस  एक  सत्तालोभी   पार्टी  है   . इसने  करीब  60 साल  देश  पर राज  किया  . इसके  निकम्मेपन  के  कारण ही  देशवासी  .  मंहगाई  , बेरोजगारी जैसी अनेकों   समस्याओं   से ग्रस्त  है  .  और  लोगों  में   कांग्रेस   के  विरुद्ध  घोर नफ़रत  और  आक्रोश   व्याप्त   है  . इसलिए  कांग्रेस    लोगों   का इन  समस्याओं  से ध्यान  हटाने  के लिए  नरेंद्र  मोदी  को  अपना निशाना  बनाकर  उन पर  तरह तरह  के  आरोप  लगा  रही  है  , उदहारण के लिए  सन 2002  में  गोधरा  में  हुए   संप्रदायवादी   दंगे के लिए  मोदी   को  जिम्मेदार  बनाकर  उनको "मौत  का  सौदागर , गुजरात  का  कसाई ,हत्यारा  , हिटलर "जैसे   शब्दों     का  प्रयोग   करके मुसलमानों   को  खुश  करके  उनके वोट  हथियाने   की चाल  चल  रही   है  , कांग्रेस  गोधरा के  दंगों को इस तरह  पेश कर रही है   ,जैसे  खुद  मोदी   ने  यह  दंगे   करवाये  थे  , जबकि  यह  दंगे अचानक उस  समय  भड़के  थे   साबरमती   गाड़ी   में  जलाये  गए  कारसेवकों   की  लाशें  अहमदाबाद   स्टेशन    पर   लोगों   ने  देखि  थीं  . जिस  से  लोगों  ने    जो  प्रतिक्रिया   की  थी  वही    दंगे   का  कारण था  . कांग्रेस के  दोगले पन  का  इस  से  बड़ा  और  क्या   सबूत  हो  सकता है  कि   जिस  पार्टी  के  लोगों  ने  अकेली  इंदिरा   की  हत्या  का   बदल लेने के लिए  दिल्ली  के  तीन  हजार( 3000   )सिखों  की  हत्या  करा  दी   हो  ,उसे   मोदी  को  मौत  का  सौदाकार  कहने का    कोई अधिकार  नहीं    .
जबकि    आजादी  के  समय  से आज  तक   कांग्रेस  के  राज   में अनेकों  बड़े बड़े  सम्प्रदायवादी   दंगे    हो  चुके  है  , जिनमे 15503   लोग  मारे  गए  .  मोदी  को  कसाई   बताने  वाले  कांग्रेसी  , कम्युनिस्ट  और  सेकुलर   दी  जाने   वाली  दंगों  इस   सूची   को ध्यान  से  पढ़ें   ,


1- कांग्रेस  राज  में  दंगों  का विवरण 

भारत   के  आजाद  होने के  बाद     कांग्रेस  के  राज  में  कब  कब   सम्प्रदायवादी  दंगे  हुए  ,  और  उनमे  कितने लोग  मारे  गए थे , यह  प्रामाणिक  जानकारी   इस   प्रकार   है  ,

1 -सन 1947 पश्चिम  बंगाल - मृतक -5000 
2-सन 1964 -राउर केला  - मृतक -2000 
3-सन 1967 -रांची  -मृतक 200 
4-सन 1969 -अहमदाबाद - मृतक -512 
5-सन 1970 - महा  .  भिवंडी  -मृतक -80 
6-सन 1980 -मुरादाबाद - मृतक -2000 
7-सन 1983 - नल्ली असम -मृतक -2000 
8-सन 1984 -भिवंडी  - मृतक -611 
9-सन 1984 - दिल्ली  - मृतक -3000  सिख 
10-सन 1985 -अहमदाबाद  -  मृतक -300 
11-सन 1986 -अहमदाबाद  - मृतक -59 
12-सन 1987-मेरठ  -मृतक 81 

इसके  अतिरिक्त  जो   वामपंथी    मोदी  को कसाई ( Bucher )  कह  रहे  हैं  , उन्ही   के  शासन  में  सन 1979  में  जमशेदपर  में भी  सम्प्रदायवादी   दंगा  हुआ था जिसमे 115  लोग   मारे  गए  थे

यदि  मोदी  गुजरात  के  दंगों   के लिए  जिम्मेदार  हैं  ,तो   इन  दंगों  के लिए  कांग्रेस  और  कम्यूनिस्ट  जिम्मेदार  क्यों  नहीं  माने जाये  ?. क्या  यह लोग  मौत  के सौदागर  और  कसाई कहने  के  योग्य  नहीं  हैं  ?जो  लोग  नरेंद्र मोदी को  गुजरात का  हत्यारा कह  रहे हैं ,  वह  कांग्रेस  के शासन  के दौरान इतने अधिक  दंगों  की  संख्या  पर  गौर करें ,और  इस सत्य को  स्वीकार   करें  कि सन 2002 के  गोधरा  दंगे  के बाद  से  आजतक  गुजरात   में  कोई सांप्रदायिक  दंगा   नहीं  हुआ   , और  न कभी  कर्फ्यू  लगाने  की  नौबत  आई  . जबकि दंगों  के  मामले में  कांग्रेस  को " दंगा  रत्न "  या  " दंगा भूषण " का  सम्मान    देना चाहिए  .  


2-दंगों  का  तुलनात्मक  विश्लेषण 

कांगरस के  राज में   जितने  भी सांप्रदायिक  दंगे  हुए  हैं   उनका   वैज्ञानिक   विश्लेषण   करके " पब्लिक पॉलिसी  रिसर्च  सेंटर (  Public Policy Research Centre (PPRC )  के  डाईरेक्टर " विनय  सहस्र बुद्धे "  ने  21 अक्टूबर 2013   को   9  पन्नों   की  एक   रिपोर्ट   भी  जारी  की   थी  . जिसमे दंगों  में  मरने  वाले  हिन्दुओं  और   मुसलमानों   की  संख्या   का तुलनात्मक   अध्यन   करके   को  निष्कर्ष   मिले  उसकी  निष्पक्ष   जानकारी   दी  गयी  है ,उसी के  कुछ  अंश  यहाँ  दिए   जा रहे हैं   ,
 आज कांग्रेस  मुस्लिम  वोटों  के  लिए  गुजरात  दंगों  में   मारे  गए  मुसलमानों   के  लिए  घड़ियाली  आंसू   बहा  रही  है  ,  लेकिन इतिहास  के अनुसार   कांग्रेस    के  राज में  सबसे  बड़ा  साम्प्रदायिक   दंगा सन  1983  में  असम  के  नेल्ली  शहर  में  हुआ  था  .  बंगला  देशी और  असम  के   लोगों   में हुआ था  . इस  दंगे  में 8119  मुसलमान  मारे  गए  थे  . इसके  बाद  दूसरा  दंगा सन  1984  में  दिल्ली   में  हुआ  था  जब  इंदिरा  की  हत्या   हुई   थी  , और  कांग्रेसियों   ने 2733  निर्दोष  सिक्खों   की   हत्या  कर  दी  थी  . संख्या के  अनुसार   तीसरा  दंगा  सन 1969  में   अहमदाबाद  में   हुआ  था  ,जिसमे  कुल 512 लोग   मारे  गए  थे  और  उनमे  430  मुसलमान   थे  .
 आज कांग्रेस  मुस्लिम  वोटों  के  लिए  गुजरात  दंगों  में   मारे  गए  मुसलमानों   के  लिए  घड़ियाली  आंसू   बहा  रही  है  ,  लेकिन इतिहास  के अनुसार   कांग्रेस    के  राज में  सबसे  बड़ा  साम्प्रदायिक   दंगा सन  1983  में  असम  के  नेल्ली  शहर  में  हुआ  था  .  बंगला  देशी और  असम  के   लोगों   में हुआ था  . इस  दंगे  में 8119  मुसलमान  मारे  गए  थे  . इसके  बाद  दूसरा  दंगा सन  1984  में  दिल्ली   में  हुआ  था  जब  इंदिरा  की  हत्या   हुई   थी  , और  कांग्रेसियों   ने 2733  निर्दोष  सिक्खों   की   हत्या  कर  दी  थी  . संख्या के  अनुसार   तीसरा  दंगा  सन 1969  में   अहमदाबाद  में   हुआ  था  ,जिसमे  कुल 512 लोग   मारे  गए  थे  और  उनमे  430  मुसलमान   थे  . कांग्रेस  का दोगलापन   इस  बात  से  सिद्ध  होता  है  कि इतने साल होने के बाद  भी  सिखों   की  हत्या  करने  वाले दोषियों  कोई  सजा नहीं दी  जा सकी  . दूसरी तरफ गुजरात  दंगों   के  जिन लोगों  पर  मुकदमे  चल  रहे हैं  उनकी  कुल  संख्या 294   है  . जिनमे  184  हिन्दू   हैं   .  और  बाकि   मुसलमान  हैं  . यदि मोदी  पक्षपाती  होता  तो मुसलमानों   की  संख्या  अधिक   और  हिन्दुओं  की  संख्या   कम   होती    .पाठकों   की  सुविधा  के लिए    विडिओ   भी  दिया  जा रहा  है   ,
Video-
http://www.youtube.com/watch?v=Bnoz9xYfuW4
 कांग्रेस  राज  में हुए  दंगों  के  बारे में  अधिक  जानकारी  प्राप्त  करने  या  देने  के लिए  इस  पते  पर  संपर्क करें  या  मेल  करें
Public Policy Research Centre
PP66, Mookerjee Smruti Nyas,
Subramania Bharti Marg
New Delhi 110003
E-mail: contact@pprc.in


3-झूठे कांग्रेसिओं  के   मुंह  पर  जूता 

आजकल    जिन  कांग्रेसदियों के  साथ  मिलकर  तथाकथित  सेकुलरों   ने  मिलकर गुजरात   में मोदी   की  लोकप्रियता को केवल  झूठा  प्रचार , और मोदी द्वारा  गुजरात  के  विकास  के मॉडल   का  मजाक उड़ने की  फैशन    अपना  रखी  है  . लेकिन   सन 2012 के  गुजरात विधान  सभा के चुनाव  नतीजों   से हजरत के लोगों  ने   कांग्रेसियों    के  मुंह  पर  जूता  मार  दिया  .  क्योंकि  गुजरात  के  19  मुस्लिम  बहुल निर्वाचन क्षेत्रों   में  मोदी  के कुशल  नेतृत्व  में  बी  जे  पी 12  निर्वाचन  क्षेत्रों  में  सबसे  अधिक  मतों  से  विजयी  हुई  थी  . लेकिन   जिस  कांग्रेस  ने मुस्लिम  वोटों  की  खातिर   मोदी  का विरोध   करने  की  कसम   खा  रखी  हो  . उनके  मुंह  पर  सबसे पहली  जूता  खुद  कांग्रेस  सरकार  द्वारा  गठित सच्चर  कमिटी   ने   ही  मार  दिया  था  .
गुजरात  के  विधान  सभा  चुनाव  से  पहले   सन 2006  में " भारत  सरकार  के अल्प संख्यक मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs, Govt of India

 ) ने  दिल्ली  हाई  कोर्ट  के पूर्व न्यायाधीश "राजिंदर  सच्चर "की  अध्यक्षता  में एक  कमिटी  नियुक्त  की  थी  , जिसके  कुल   6  सदस्य   थे  . इस  कमिटी    का उद्देश्य आजकल  के मुसलमानों   की  सामाजिक  , आर्थिक  ,  और    शैक्षणिक  हालत   का  पता  करना  और विस्तृत  रिपोर्ट   प्रधान  मंत्री   मन  मोहन  सिघ   को  पेश  करना  था  .  बाद में  यह  403  पेज  की रिपोर्ट 30  नवम्बर  2006  को  प्रधान  मंत्री    ने  लोकसभा   में  पेश   कर  दी  थी  .  लेकिन  इस  रिपोर्ट में  गुजरात  के मुसलमानों   की  स्थिति   के  बारे में  जो  जानकारियां   दी  गयीं  हैं  ,उसे  पढ़   कर कांग्रसियों   को  समुद्र  में  डूब  कर  मर  जाना  चाहिए  , यदि  उनमे  रत्ती   भर भी  शर्म  बाकी  रही  हो    .  क्योंकि  सच्चर   कमिटी  ने  बताया  कि
1-गुजरात में  शिक्षित  मुसलमानों   की  संख्या 73 . 5  प्रतिशत   है  ,जबकि  राष्ट्रीय स्तर  पर  मुसलमानों   की  संख्या 59 . 1 प्रतिशत   है  . 

2-इसी तरह गुजरात   के  शहरी  मुस्लिम  की  आय 875  रूपया  है  ,  जबकि  राष्ट्रिय  औसत केवल  804  रूपया  ही  है  . और  गुजरात के ग्रामीण  मुस्लिम  की  आय 668  रुपया  है ,  जो  राष्ट्रिय  औसत  से  कम   है  .  जो  केवल 553  रुपया  ही  है  . 

कांग्रेस   चाहे मोदी   को  मुस्लिम  विरोधी  साबित  करने की  कोशिश  करती  रहे    , और  कहती  रहे की  मोदी  के राज  में  मुसलमनों को सरकारी  नौकरी नहीं  मिलती  , लेकिन यह  झूठ  है , क्योंकि गुजरात  में  सरकारी  नौकरी  में  मुसलमानों  की  संख्या 5 . 4 प्रतिशत   है  . जबकि  बंगाल में  केवल  3 . 2 प्रतिशत  और  दिल्ली  में 4 . 7  प्रतिशत   है  . 

पाठक  महोदय विचार  करें  कि यह  सच्चर   रिपोर्ट कांग्रेस   सरकार   ने  बनवाई  थी  . यदि  कोई  कांग्रेसी  इसे  झूठी   बताता है    तो  समझ   लीजये  सभी कांग्रेसी  और मनमोहन  सिंह   भी   महा   झूठा   है  . हम   तो  जानते हैं   , लोगों   को  समझने की  जरुरत   है  .

आज   जो कांग्रेसी मोदी   के  नाम  से लोगों   को  डरा रहे हैं   ,  और  जो बेकार   डर  रहे हैं   , वह  समझ   लें   कि  समाज   की  सुरक्षा के लिए  डरना   भी जरुरी है  ,  जैसे    बच्चे को   माता  पिता से ,  विद्यार्थी को    शिक्षक  से  ,  अपररधि  को  पुलिस  से  और भ्रष्टाचारी  को  कानून    से  डरना  जरुरी   है   ,उसी तरह   कांग्रेसियों , सेकुलरों  , देशद्रोहियों  , और  जिहादी  आतंकियों  को  मोदी   से   डरना     जरुरी  है  .

 क्योंकि  भय  के बिना  प्रीति   नहीं   होती  , नीच भय  से ही  सीधे  हो  सकते  हैं   

हे  भारत   के  शत्रुओ   मोदी  से   डरो !!!
. http://www.haindavakeralam.com/HKPage.aspx?PageID=17173

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