रविवार, 18 मई 2014

|| मनु स्मृती ||

|| मनु स्मृती ||
ाममामरणात्तिष्ठेत गृहे कन्यर्तुमत्यपि
चैवैनां प्रयच्छेत्तु गुणहीनाय कर्हिचित मनु स्मृति ।८९
अर्थात कन्या ऋतुमति होने पर भी चाहे मरणपर्यंत घर मे बैठी रहे किन्तु गुण हीन वर के लिए उसे कदापि नहीं देना चाहिये

सुयोग्य वर को ही कन्या देनी चाहिये -----------------------
मनु स्मृति ।८९

काममामरणात्तिष्ठेत गृहे कन्यर्तुमत्यपि
चैवैनां प्रयच्छेत्तु गुणहीनाय कर्हिचित मनु स्मृति ।८९
अर्थात कन्या ऋतुमति होने पर भी चाहे मरणपर्यंत घर मे बैठी रहे किन्तु गुण हीन वर के लिए उसे कदापि नहीं देना चाहिये

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