सोमवार, 2 जून 2014

33 कारोड देवता कौन है

प्रश्न -- 33 कारोड देवता कौन है--------------


: वेदों में वर्णित विभिन्न देवताओं या ईश्वरों के बारे में आप क्या कहेंगे ? 33 करोड़ देवताओं के बारे में क्या?
उत्तर:
1. जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है जो पदार्थ हमारे लिए उपयोगी होते हैं वो देवता कहलाते हैं । लेकिन वेदों में ऐसा कहीं नहीं कहा गया कि हमे उनकी उपासना करनी चाहिए । ईश्वर देवताओं का भी देवता है और इसीलिए वह महादेव कहलाता है , सिर्फ और सिर्फ उसी की ही उपासना करनी चाहिए ।
2. वेदों में 33 कोटि का अर्थ 33 करोड़ नहीं बल्कि 33 प्रकार (संस्कृत में कोटि शब्द का अर्थ प्रकार होता है) के देवता हैं । और ये शतपथ ब्राह्मण में बहुत ही स्पष्टतः वर्णित किये गए हैं, जो कि इस प्रकार है :
8 वसु (पृथ्वी, जल, वायु , अग्नि, आकाश, सूर्य, चन्द्रमा, नक्षत्र ), जिनमे सारा संसार निवास करता है ।
10 जीवनी शक्तियां अर्थात प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान, नाग, कूर्म, कृकल, देवदत्त , धनञ्जय ), ये तथा 1 जीव ये ग्यारह रूद्र कहलाते हैं
12 आदित्य अर्थात वर्ष के 12 महीने
1 विद्युत् जो कि हमारे लिए अत्यधिक उपयोगी है
1 यज्ञ अर्थात मनुष्यों के द्वारा निरंतर किये जाने वाले निस्वार्थ कर्म ।
शतपथ ब्राहमण के 14 वें कांड के अनुसार इन 33 देवताओं का स्वामी परमपिता परमात्मा ( महावेव } ही एकमात्र उपासनीय है । जिसका सर्वोत्तम नाम " ओ३म है ।

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