रविवार, 18 मई 2014

|| मनु स्मृती ||


|| मनु स्मृती ||
मनु कहते हैश्राद्धो से पितरो का पूजन करे.
यह श्राद्ध प्रतिदिन करे, माता-पिता आदि वयोवृद्धो को प्रासन्न रखते हुए उन्हे अन्न, जल, वस्त्र, फल आदि देकर यह श्राद्धकार्य करे. यही पितृ यज्ञ कहाता है,
श्राद्ध का अर्थ हैश्राद्धा से किया गया कार्य,
पितर का अर्थ हैजो अन्न, विद्या, सुशिक्षा आदि से पालन-पोषण और रक्षण करते है,
तर्पण का अर्थ हैजिस कर्म से विद्वान रुप देव, ॠषि (ब्रह्मण) और पितरो को सुखयुक्त करते है.
जी हा श्राद्ध और तर्पण जीवित मनुष्य का किया जाता है,मरे हुओ का नहि |


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